सतपुड़ा के आधा दर्जन गांवों में बंद पड़ी नल-जल योजना
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पेयजल व्यवस्था चरमराई : अनेक ग्रामों में प्यासे मर रहे हैं मवेशी
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राजनेता सुनने को तैयार नहीं, अधिकारी फोन नहीं उठा रहे,
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जितेंद्र मालवीय । लोखरतलाई । इस भीषण गर्मी का सर्वाधिक प्रभाव सतपुड़ा पर्वत श्रंखलाओं पर बसे ग्रामों पर सीधा दिखाई दे रहा है रहा है जहां आधा दर्जन से अधिक ग्रामों में पीने के पानी का संकट है, तो मवेशियां पानी नहीं मिलने के कारण प्यासी मर रहे हैं । राजनेता आदिवासियों की समस्या सुनने के तैयार नहीं हैं और अधिकारी फोन नहीं उठा रहे हैं । परिणाम यह है कि आदिवासी पेयजल के अभाव में जैसे तैसे गुजारा कर रहा है लेकिन उनके मवेशी प्यास के कारण मर रहे हैं ।
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इन गांव में बंद पड़ी नल जल योजना

आदिवासी अंचल के ग्राम सीरूपुरा, पलासी, गीतखेड़ा, नोनिया, ढेकना, चारखेड़ा सहित आदिवासी अंचल के अनेक ग्रामों में पेयजल व्यवस्था़ बंद पड़ी हुई है । दौ साल का समय गुजर गया लेकिन नल जल योजना शुरू नहीं हो पाई है यदि शुरू हो भी गई है मेन्टेीनेन्स के अभाव में पेयजल व्यवस्था ठप्प पड़ी हुई है । आदिवासी अंचल के लोग बूंद बूंद पानी के लिए परेशान हो रहे हैं । जब इंसानों को पीने का पानी मिल पा रहा है तो वे अपने मवेशियों को कहां से पानी पिलायें ?
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नल जल योजना के कारण हेण्डपम्प का नहीं किया मेन्टेनेन्स
आदिवासी अंचल में जिन जिन ग्रामों में नल जल योजना शुरू कर दी गई या फिर लागू कर दी गई है वहां वहां हेण्डपम्पों का मेन्टेनेन्स नहीं किया गया है । इसी का परिणाम है कि आदिवासी अंचल के एक दो हेण्डैपम्प छोड़कर पूरे हेण्डपम्पे बंद पड़े हुए हैं ।
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नदी नाले सूखने से बड़ी समस्या

सतपुड़ा अंचल के इन ग्रामों के आसपास नदी और नालों की भरमार है लेकिन समय रहते अधिकारियों ने जनपद पंचायत के मध्यम से बहते हुए पानी की रोकथाम नहीं की जिसके कारण आज नदी नाले सूख गए हैं। जिसके कारण ना तो आदिवासियों की पेयजल व्यवस्था का समाधान हो पा रहा है और ना ही वे अपने मवेशियों को पानी ही उपलब्ध करा पा रहे हैं । इसका सीधा-सीधा परिणाम यह हो रहा है कि भारी मात्रा में मवेशियों की मौत हो रही है ।
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इनका क्या कहना …
इस संबंध में जब हमने एचपी विभाग के कार्यकारी एसडीओ और इंजीनियर उमेश कोडले से बात की तो उन्होंने बताया कि आपके द्वारा हमें पता चल रहा है कि नल जल योजना और हैंडपंप बंद पड़े हुए हैं । प्राथमिकता के आधार पर हम कल पूरे क्षेत्र का सर्वे कराकर पता कर रहे हैं कि कहां-कहां हैंडपंप और नल जल योजना बंद पड़ी है । जैसा भी होगा हम आदिवासी अंचल में पेयजल व्यवस्था उपलब्ध कराएंगे ।








