वेयर हाउस संचालक ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की
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आत्महत्या के पहले मृतक ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किये
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2022-23 में मूंग की खरीदी में हेराफेरी किये जाने के आरोप लगाए
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कर्ज और मानसिक प्रताड़ना के चलते आत्महत्या की
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नर्मदा केसरी न्यूज़ नेटवर्क कृपया सब्सक्राइब कीजिए
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ग्राम सोमलवाड़ा के वेयर हाउस संचालक ने सोमवार सुबह कर्ज ओर मानसिक प्रताड़ना के चलते जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी लगते ही परिजन तत्काल वेयर हाउस संचालक अभिषेक गौर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। जहाँ चिकित्सक ब्रजेश राजपूत ने अभिषेक को मृत घोषित कर दिया। मृतक ने आत्महत्या के पहले सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किए हैं।
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थाना प्रभारी अनूपकुमार उइके ने बताया की आज सुबह अस्पताल से जानकारी मिली थी की सोमलवाड़ा के वेयर हाउस संचालक को जहरीला पदार्थ खाने के बाद अस्पताल लाया गया था जहाँ उनकी मृत्यु हो गई है। मृत्यु के बाद पता चला की मृतक ने मृत्यु के पूर्व उनके द्वारा कुछ वीडियो बना सोशल मीडिया पर डाले गए है। जिसकी जांच की जा रही है उसके बाद जो भी तथ्य आएंगे उनके आधार पर कार्रवाई की जायेगी।
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वेयरहाउस सचालक द्वारा की गई इस आत्महत्या के पीछे 22/23 में मूंग खरीदी में हुए भारी भ्रष्टाचार की और भी इशारा किया गया है। इसका खुलासा मृतक अभिषेक गौर ने आत्महत्या के पहले वीडियो बनाकर पोस्ट पर डाले हैं। कुछ चौकाने वाले तथ्य सामने आये है। घटना के पूर्व मृतक अभिषेक गौर ने सोशल मीडिया पर आत्महत्या करने के कारण के वीडियो पोस्ट किये है। जिसमे उसने चौतलाय समिति प्रबंधक भीम लौवंशी पर वर्ष 2022-23 मे मूंग की खरीदी ने हेराफेरी किये जाने के आरोप लगाए है। हालांकि थाना प्रभारी ने कहा है कि पहले वीडियो के सत्यता की जांच की जाएगी इसके बाद ही कार्यवाही संभव है ।
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विडियो में ये बोला मृतक
वीडियो में भीम चौतलाय वाले और उस साल के सर्वेयर ने 4 से 5 हजार क्विंटल खराब माल खरीद लिया, जिसमे मिट्टी कचरा था। उसके चक्कर में मुझे 2 नई स्टेक उठा कर देना पड़ा। स्टेकों में बहुत बोरियां थी एक स्टेक में 600-700 बोरियां थी। आज जब पाला कर रहे है तो बहुत अधिक शोर्टेज आ रही है। बहुत मुसीबत है मेरे परिवार को कुछ नहीं मालूम है। सिर्फ इतना मालूम है की वेयर हाउस में कुछ लफड़ा हो गया है।अब मेरी जिन्दगी में 1 मिनट, 5 मिनट निकलना भी बहुत मुश्किल हो गया है। या तो मै हार्ट अटैक से मर जाऊ या मुझे पैरालिसिस हो जायेगा तो और बुरी स्थिति बन जाएगी। इससे अच्छा है इससे अच्छा तो उपर जाना ही पुरायेगा।
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किसने की उपज की जब-जब भी सरकार द्वारा खरीदी की जाती है तब तब घोर लापरवाही, कमतौल और रुपया लेकर अमानक खरीदी किए जाने के आरोप लगाते रहे हैं । लेकिन आश्चर्य का विषय है कि लगातार हो रही लापरवाहियों, गड़बड़ियों और हेरा फेरी के बाद भी प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती । ऐसा प्रतीत होता है जैसै हेर फैर करने वाले लोगों को खुली छूट मिली हुई है । इसके दुष्परिणाम आज समाज में देखे जा रहे हैं।








