नल जल योजना शुरु ही नहीं हुई और आ गया हजारों रूपया बिजली बिल
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बिजली विभाग पंचायत और ठेकेदार के बीच अधिकारियों की मॉनिटरिंग नहीं फैल रही है अव्यवस्था
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नर्मदा केसरी के लिए विजयसिंह ठाकुर की रिपोर्ट
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तहसील की महुआढाना ग्राम पंचायत के ग्राम सुकलढाना जहां अभी नल जल योजना शुरु भी नहीं हुई वहा बिजली विभाग ने हजारों रुपये का बिजली बिल थमा दिया है । इसी तरह ग्राम मानकपुर में मात्र 2 माह ही यह योजना चली वहां भी बिजली विभाग ने 64 हजार रुपये का बिजली बिल दे डाला है।
सुकलढाना में शुरु नहीं हुई नल जल योजना
ग्राम पंचायत महुआढाना के ग्राम सुकलढाना मे नल जल योजना शुरु भी नहीं हुई है और यहां हजारों रुपये का बिजली बिल विभाग द्वारा दे दिया गया है। सुकलढाना आदिवासियों के 40 मकान है और यहां की आबादी 200 है। नल जल योजना यहां अभी शुरु नहीं हुई है। ग्राम मे 4 हेंडपम्प लगे हैं । जिनमें से केवल 2 ही चालू हैं 2 हेंडपम्प बंद पड़े हैं । आदिवासी ग्रामीण सायकल और मोटरसाइकल पर पानी की केन बांधकर इन चालू हेंडपम्प से पीने का पानी अपने घरों तक लाते हैं । यहां नल जल योजना का अधूरा काम ही हुआ है । योजना अभी शुरु नहीं हुई है । पीएचई विभाग बंद पड़े़ हेंडपम्प को सुधारने का कोई प्रयास नहीं कर रहा है। ग्रामीण अनेकों बार इसकी शिकायत कर चुके हैं ।
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विभागों के बीच तालमेल की कमी
बिजली विभाग, पंचायत और ठेकेदार के बीच अधिकारियों की मॉनिटरिंग की कमी है यही कारण है कि ठेकेदार द्वारा नल जल का काम शुरू नहीं किया गया और बिजली के बिल आने शुरू हो गए । अब पंचायत सचिव और सरपंच दोनों ही परेशान है । जिनकी कोई सुनने वाला नहीं है । बिजली विभाग द्वारा सभी ग्रामों में जहां नल जल योजना शुरु है और जहां अभी शुरु भी नहीं हुई है । सभी ग्रामों में बिजली के हजारों रुपये के बिल थमा दिये हैं । ग्रामीणों का कहना है कि हमारे ग्राम में अभी नल जल योजना शुरु नहीं हुई है और बिजली विभाग ने बिजली का बिल दे दिया है । बस ग्राम का नाम नल जल योजना के अंतर्गत चयन किया गया है । अभी यह योजना ग्राम में अधूरी पड़ी है शुरु ही नहीं हुई है ।

सुकलढाना से शुरु हुई थी आवास योजना
तहसील की ग्राम पंचायत महुआढाना के ग्राम सुकलढाना से तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मुख्यमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी । ग्राम इस कारण से शासन के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन जब इस ग्राम की ही यह बदत्तर हालत है तो अन्य ग्रामों की हालत का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है । शासन की दोहरी नीति का भुगतान भुगत रहे ग्रामीणों का कहना है कि जब योजना अभी शुरु नहीं हुई है और बिजली का बिल हजारों रुपये मे आ गया है। जब योजना शुरु हो जायेगी तो कितना बिजली बिल भरना पड़ेगा यह कुछ कहा नही जा सकता है ।
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हमने सचिवों को कहा है जनपद पंचायत के माध्यम से विद्युत मंडल को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करें । जहां खपत ही नहीं हुई है वहां के बिजली बिलों में कंसीडरेशन किया जाना आवश्यक है : श्रुति चौधरी सीईओ जनपद पंचायत ।








