बम फैक्ट्री में विस्फोट: मध्य प्रदेश के 18 मजदूरों की मौत
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विस्फोट इतना भयानक : कई लोगों के अंग, दूर जाकर गिरे
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बेटे की तेरहवीं के लिए पैसे कमाने गया था हरदा का परिवार
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हरदा ब्लास्ट के बाद जिले में पटाखा का काम बंद हो गया… इसलिए गुजरात गए थे ये परिवार; वहां जान गंवाई
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मृतकों में हरदा के 8, इनमें मां और उनके 12, 16 और 17 साल के 3 बेटे भी; देवास के 10…इनमें से एक परिवार के 9
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हरदा/भोपाल/देवास। गुजरात में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हो गया। गुजरात में हुए इस विस्फोट के कारण मध्य प्रदेश के हरदा और देवास जिलों में मौत हो गई। दोनों के 18 मजदूरों की मृत्यु हो गई। गुजरात की बम फैक्ट्री का धमाका इतना भयानक था कि मजदूरों के अंग शरीर से अलग होकर दूर-दूर तक बिखर गए।
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मृतकों में हरदा जिले के हंडिया से 8 लोग और देवास जिले के संदलपुर और चटगांव से 10 लोग शामिल हैं। हरदा फटाका फैक्ट्री बंद होने के बाद यह मजदूर गुजरात की फटाका फैक्ट्री में काम करने के लिए चले गए। पिछले साल 6 फरवरी को हरदा पटाखा प्लांट में ब्लास्ट के बाद जिले के सभी 12 पटाखा प्लांट बंद कर दिए गए थे। इस कारण से काम नहीं मिल रहा था। ये पटाखा बनाने में कुशल थे, इसलिए काम की तलाश में गुजरात चले गए थे। हरदा जिले के हंडिया से 15 लोग 29 मार्च को गुजरात गए थे। इनमें से 8 की मौत हो गई, 2 लापता हैं और बाकी गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में शामिल हैं।

विस्फोट इतना भयानक था कि कई लोगों के अंग भी दूर तक गिरे
हंडिया की गीताबाई (60) ने कहा कि होली पर उनके बेटे सत्यनारायण की मृत्यु हो गई थी। उसके तेरहवें के लिए रुपये नहीं थे. सम्मिलित परिवार के 11 लोग मजदूरी के लिए गुजरात गए थे। बेटे की तेरहवीं वापस आती है, लेकिन उससे पहले ही दुर्घटना हो गई। इनमें विष्णु (22), राजेश (25) और बिट्टू (15) साधु भाई थे। ये त्रिये सत्यनारायण के पुत्र थे। गीताबाई ने कहा, ‘वैसे एक दिन कहा था कि अभी मत जाओ, लेकिन वे नहीं माने। कंकूबाई का परिवार भी हादसे का शिकार हो गया। बेटी बबीता और बेटे धनराज की मौत हो गई। 12 साल का संजय गायब है।
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देवासः मजदूरी के लिए 4 दिन पहले पूरा परिवार गया था
हादसे में मारे गए देवास जिले के 10 लोगो में से 9 एक ही परिवार के थे। ये 4 दिन पहले ही गुजरात गए थे। मृतकों में लाखन पिता गंगाराम भोपा (24), लाखन की पत्नी आयन (20), लाखन की मां केशरबाई (50), बहन राधा (11), रूकमा (8), भाई अभिषेक पिता गंगाराम भोपा (5) शामिल हैं। राकेश पिता बाबूलाल भोपा (30), राकेश की पत्नी लाली (25), बेटी किरण (5) और पंकज (ठेकेदार) पिता बाबूलाल (40) निवासी राकेश गांव की भी जान चली गई।








